Wednesday, November 26, 2008

चुनावी रात - खामोश क्यूँ है ये चौराहा...............

यह नजारा है जबलपुर के दमोहनाका चौराहे में २७ नवम्बर की आधी रात का , आम तोर पर सारी रात जागने वाला यहाँ चौराहा खामोश है उसके दूर दूर तक सुई पटक सन्नाटा है .कोई कह रहा था ये रात मे बांटी गई दारू का असर है। जिन्हें मिली वो रतजगा करने वाले सुरूर मे सो गए । कुछ को कम्बल मिले तो वे जाडा शांत करने दुबक कर नींद् मे गाफिल हो गए । जरुरत मंद आम आदमी इसलिए रात सडको पर नही निकला की उसे पुलिस के डंडे का भय था । थंकी सी रौशनी के बीच यह चित्र और भी कुछ कह रहा है .एक बात और भी है की २७ की सुबह छेत्रके विधायको का चयन होना है .

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