Monday, December 1, 2008

दरिंदो के जख्म और किन्नरों का मरहम

जबलपुर के गोहलपुर थाना क्षेत्र स्तिथ बहोराबाग में सुबह फुटपाथ पर एक़ महिला दर्द से कराह रही थी फटे कपड़ो से झांकती उसकी देहा रक्त से सनी हुई थी । वह जूट का गन्दा बोरा ओढे कांप रही थी। न जाने ख़ुद को मर्द कहने या समझने वाले ,कितने कथित मर्द उस सड़क और फुटपाथ से गुजर गए लेकिन "अबला " की तरफ़ किसी ने नही देखा।लगभग ८ बजे फुटपाथ किनारे एक ऑटो रुका। उसमें से कुछ "किन्नर " उतरे। उन्होंने उस अबला को प्यार से सहारा दिया। उसे उठाकर ऑटो पर बैठाया। वे उस अबला को थाने और फिर हॉस्पिटल ले गए। वहां पता चला कि वह अबला मानसिक रूप से विक्षिप्त (पागल) है। उसके साथ रात में कुछ दरिंदों ने जबरदस्ती दुराचार किया। वहशत के निशान उस अबला की पूरी देह पर हैं । उसकी आत्मा रो रही है पर वह जुबां से कुछ बोलने में समर्थ नहीं। वहशी कब पकड़े जायेंगे पता नहीं पर उन किन्नरों को मेरा सलाम.... जिन्होंने उस अबोध सी २८ वर्षीया अबला का दर्द समझा। उसकी अस्पताल पहुंचाकर सचमुच मर्दानगी का परिचय दिया। ये फोटो उस वक्त का है जब किन्नर पीड़ित महिला को इलाज के लिए शहर के लेडी एल्गिन अस्पताल लेकर पहुंचे ।

1 comment:

Unknown said...

nukkad par hui is bat se to insaniyat ko bhi sharm aa jaaye .........sach mai ese kinnaro ko mera bhi SALAM.........